Friday, June 25, 2010

व्यंग : मिस्टर द


वो किसी और ग्रह का प्राणी नहीं है...बिलकुल सामान्य इंसान की तरह दिखता है...लेकिन उसके ऑफिस में आते ही लोगों की निगाह उस पर टिक जाती है....वो बॉस भी नहीं है....ना कोई बड़ा ओहदा रखता है...लेकिन फिर भी लोग उसे निहारते हैं....हालांकि देखने वालों की आंखों में सम्मान नहीं तैरता है...बल्कि उनकी आंखों में झांक कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है...कि लोगों के लिए वो किसी जमूरा से कम नहीं...जिसके आने के साथ ही सभी तैयार हो जाते हैं...उसकी बेवकूफाना चालाकी से दो-चार होने के लिए....और भी बहुत कुछ खास बातें उसके साथ जुड़ी हैं....जब तक वो अपनी कुर्सी पर नहीं बैठता...सामान्य रहता है...उसे हंसते मुस्कराते देखा जा सकता है...लेकिन कुर्सी पर काबिज होते ही...अचानक उसमें बड़ा बदलाव नजर आने लगता है...लोगों के सामने मौजूद होता है....थका-हारा-परेशानियों के बोझ तले दबा एक ऐसा शख्स....जिसे हर हाल में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हो....इस दौरान जब वो अपनी काबिलियत जाहिर करने के लिए चीखता-चिल्लाता है....तो वाकई मजाक और दया का पात्र बन जाता है...
                                                                                         इस खास चरित्र के बारे में इतना तो कह डाला...लेकिन आपसे ये नहीं बताया...कि आखिर ये साहब कौन हैं....और करते क्या हैं....अजी छोड़िए भी नाम में क्या रखा है...कुछ भी कह लीजिए...अब चलिए हमने उसे एक नाम भी दे दिया....द.........तो मिस्टर द काम करते हैं...एक मीडिया हाउस में....और उनका काम है.....खबरों को सुधारने के नाम पर तोड़ना-मरोड़ना.....सही पूछिए तो....उसमें कामयाब होने के सभी गुण मौजूद हैं....जानकारी भी ठीक-ठाक है....साथ ही मीडिया कल्चर की सही परख भी है उसे.......काम हो या ना हो...दिखावा ज्यादा जरूरी है....अब ये दीगर बात है....कि हद से ज्यादा शोशेबाजी ने उसको हर किसी के लिए मजाक बना दिया है....खैर कथित काम के बोझ का मारा...बेचारा मिस्टर द....सही तरीके से मक्कारी और काम का पेस्ट बनाने में कामयाब नहीं हो रहा है....उसकी जिंदगी का एक एक दिन कम होता जा रहा है....दोस्त उसने बनाया नहीं....इसलिए कोई सलाह देने वाला भी नहीं....खैर अगर खुदा ना खास्ता....कहीं आपको उससे रू-ब-रू होने का मौका मिले...तो औरों की तरह...या मेरी तरह.....सिर्फ उसकी छवि जेहन में कैद करने का काम नहीं करें.....बल्कि कोशिश करें...कि सर्वगुण संपन्न मिस्टर द को सही राह मिले....उसे मक्कारी और काम की सही चाशनी बनाने का तरीका भी बताएं...आखिर जब सिर्फ मक्कारी के सहारे कामयाबी हासिल करने वालों की फेहरिश्त मीडिया में इतनी लंबी है...तो उसके पास तो काम की जानकारी भी है.......



4 comments:

  1. बहुत ही अच्छा दिलो-दिमाग को छू जाने वाला लेखन है आपका , पढ़ा , अच्छा लगा , बधाइयाँ ।
    आशुतोष मिश्र

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  2. हां सर...
    दबी हुई आवाज में आपने काफी कुछ उजागर कर दिया है

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  3. .आखिर जब सिर्फ मक्कारी के सहारे कामयाबी हासिल करने वालों की फेहरिश्त मीडिया में इतनी लंबी है...तो उसके पास तो काम की जानकारी भी है.......

    Badhiya vyang !

    Bahut sateek likha aapne

    Badhaii

    .

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  4. शुक्रिया .
    मिस्टर द, सुगना .बिहार ,भोपाल .....तमाम लेख विचारणीय और प्रशंसनीय .

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