Sunday, March 31, 2013

तलाश



बदल रहा दौर
बलात्कार पर
बहस जारी है
चिंतित हैं लोग
अबल बनी शिकार
मंथन जारी है।
अखबार में, दूरदर्शन पर
संस्कार और सरोकार
चिंतन जारी है
मंथन, चिंतन,बहसें
लेकिन बरकरार
नारी की दुश्वारी है।
नैतिकता की पहरेदारी
हर व्यक्ति सदाचारी
तो,
कहां रहता है?
कहां छिपा है?
कौन? ...कौन?... कौन?
बलात्कारी है।

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