Thursday, June 10, 2010

हद है बेशर्मी की

एंडरसन............फरार....................आरोपी एक या दो लोगों की मौत का जिम्मेदार नहीं....बल्कि 35000 लोगों की मौत का कसूरवार है...भोपाल की गलियों में चित्कार और चीख पुकार की गूंज....और मातमी सन्नाटा फैलने का जिम्मेदार है....लेकिन इससे बड़ी बेशर्मी और क्या होगी....इससे बड़ा कसूर और क्या होगा....कि उस हत्यारे एंडरसन के लिए देश से बाहर जाने का इंतजाम करती है...राज्य की तत्कालीन सरकार.........जिलाधिकारी मोती सिंह की कार में बैठ कर वो हवाई अड्डे तक जाता है....राज्य सरकार के विशेष विमान से उसे दिल्ली ले जाया जाता है....और वहां से आरोपी एंडरसन फुर्ररर.....हो जाता है......मामला अर्जुन सिंह और आरोपी एंडरसन के साथ ही चंद लोगों के दिल में दफन हो जाता है...जिसमें तत्कालीन एसपी...डीएम,हवाई अड्डे के अधिकारी और प्लेन के पाइलट शामिल हैं....25 सालों तक मामला दबा रहता है...लेकिन अदालत से फैसला आने के बाद भूचाल सा आता है...जब एक के बाद एक ये दफन राज सामने आने लगते हैं......हद तो उस समय हो जाती है.....जब अर्जुन सिंह के बचाव में दिग्गी राजा सामने आते हैं....और कहते है...कि अर्जुन बेकसूर हैं...मामला राज्य सरकार से नहीं केंद्र से जुड़ा है.....लेकिन उनकी बात पूरी भी नहीं होती...कि सत्यव्रत जैसे कांग्रेसी राज्य सरकार को ही दोषी बताने लगते हैं......सत्ता में रहने वाले लाखों जिंदगियों के साथ किस तरह खिलवाड़ करते हैं...उसका एक नमूना है यह.....घटना के वक्त राज्य और केंद्र दोनों जगहों पर कांग्रेस की सरकार होती है....एंडरसन जिस विमान से दिल्ली जाता है....उसे उड़ान भरने की इजाजत सीएम और मुख्य सचिव के अलावा कोई नहीं दे सकता.....ये भी नहीं माना जा सकता...कि अर्जुन सिंह ने बिना केंद्र सरकार की जानकारी के इतना बड़ा कदम उठाया होगा.....ऐसे में बयानबाजी से कांग्रेस के दो नेता जाहिर क्या करना चाहते हैं...ये समझ से परे है....यह सियासत का सबसे घिनौना रूप है...जो लोगों के सामने है....चाहे दिग्गी राजा हों....अर्जुन सिंह...या फिर कांग्रेस का कोई भी सिपहसलार वो चुप रहता तो बेहतर होता......

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